Tuesday, April 23, 2024
Homeम्हारो बीकानेरशिक्षा विरोधी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान

शिक्षा विरोधी नीतियों के विरुद्ध संघर्ष का आह्वान

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। शिक्षक समाज को जागृत करता है। अन्याय के खिलाफ संघर्ष करना और नवाचार को अपनाकर ही शिक्षक धर्म निभाया जा सकता है। शिक्षक नेता स्व. भंवर पुरोहित ने भी जीवनपर्यंत शिक्षा, शिक्षक व शिक्षार्थी के शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद की और सरकारों को झुकने पर मजबूर किया।
यह बात राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत के प्रदेश महामंत्री महावीर सियाग ने रविवार को डीपीएस स्कूल हॉल में शिक्षक नेता पुरोहित की तृतीय पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा एवं व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता के रूप में कही।
पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने पुरोहित के संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वे हर वर्ग के सच्चे हितेषी थे। उन्होंने शिक्षकों से सैद्धांतिक रूप से अपनी बात रखने को कहा। शहर भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि पुरोहित की संघर्ष के साथ सामाजिक सरोकारों में भूमिका को याद रखा जाएगा। हनुमान चौधरी ने पुरोहित को सच्चा कामरेड व शिक्षक के साथ कर्मचारी हितों का रखवाला बताया। शिक्षाविद् विजयशंकर आचार्य ने कहा कि समस्याओं के समाधान में पुरेहित को महारथ हासिल थी। कार्यक्रम में शिक्षक नेता शक्ति प्रसन्न बिठू ने पुरोहित को समर्पित राजस्थानी कविता प्रस्ुतत की।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी, राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। इस अवसर पर विद्याधर सिहेगिल, कैलाशसिंह पंवार, सोहन गोदारा, प्रदेशाध्यक्ष रामस्वरूप, चन्द्रशेखर शर्मा ने भी विचार रखे। रेवंतराम गोदारा ने आगंतुकों का परिचय कराया। महेन्द्र पांडे, संजय पुरोहित, सत्यनारायण पंवार, गुरचरणसिंह मान, किशोर पुरोहित, धूमल भाटी, एडीओ सुनील बोड़ा, यशपाल गहलोत, अशोक आचार्य, यतीश वर्मा, अनिल जोशी, केशरीचंद जनागल, अनोपसिंह इंदा, रेसला सहित संगठनों के शिक्षक नेताओं ने पुरोहित को पुष्पांजलि अर्पित की।
संघर्ष के साक्षियों का सम्मान
कार्यक्रम में शिक्षक नेता पुरोहित के संघर्षों में साक्षी रहे विद्याधर सिहेगिल, कमला, मोहन तर्ड, भादरमल, छैलूसिंह बीठू, भंवर उपाध्याय, दिलबाग सिंह, भगवानी चौधरी, सतवीर आदि का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में पुरोहित के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई, जिसके बाद हॉल में पुरोहित के जयघोष गूंजने लगे।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular